उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से होगा शुरू
देहरादून। विधानसभा के 29 नवंबर से प्रारंभ हो रहे शीतकालीन सत्र के दौरान सदन के भीतर और बाहर हंगामा होना तय है। वनंतरा रिसॉर्ट की महिला कर्मचारी की हत्या, केदार भंडारी हत्या और भर्ती घोटाले समेत तमाम विषयों को लेकर सरकार को घेरने की रणनीति तय की जा रही है। 28 नवंबर को होने वाली कांग्रेस विधानमंडल दल की बैठक में इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
प्रदेश में सरकार व सत्ताधारी दल भाजपा के साथ प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के संबंध तल्ख हुए हैं। दोनों ही पक्ष एकदूसरे पर हमला बोलने का अवसर हाथ से जाने नहीं देना चाहते। प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर सरकार पर हमलावर रही कांग्रेस भर्ती घोटाले को लेकर मुखर है। यद्यपि पार्टी बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे पर भी सरकार को घेर रही है, लेकिन विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पार्टी का रुख अधिक आक्रामक रहने जा रहा है।
हरिद्वार में पंचायत चुनाव में इस प्रदर्शन को दोहराया नहीं जा सका है। आने वाले समय में प्रदेश में शहरी निकायों के चुनाव होने हैं। इसके बाद वर्ष 2024 में लोकसभा के चुनाव होंगे। यही कारण है कि कांग्रेस पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन को दोहराने के पक्ष में नहीं है। विधानसभा सत्र को लेकर कांग्रेस बेहद सतर्क है। प्रयास यह किया जा रहा है कि सरकार का पुरजोर विरोध कर जनता को संदेश दिया जाए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि सरकार की नीतियों और कार्यों से जनता में रोष है। संगठन सड़क पर उतरकर सरकार को घेरने में कसर नहीं छोड़ेगा। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि भाजपा को दोबारा सत्ता मिलने के बाद प्रदेश के हालात और खराब हुए हैं।
आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए गंभीर प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। उत्तराखंडियत को बचाए रखने के लिए प्रदेशवासियों के दुख-दर्द को समझना आवश्यक है। सरकार को इसकी फुर्सत नहीं है। प्रदेश का सबसे बड़ा भर्ती घोटाला सामने आ चुका है। इससे जनता को सदमा लगा है। वनंतरा रिसार्ट की घटना ने बेटियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस इन सभी मामलों पर सरकार से सदन के भीतर जवाब मांगेगी। सदन में विधानसभा क्षेत्रों से जुड़े मुद्दों को भी उठाया जाएगा। इस संबंध में पार्टी विधानमंडल दल की बैठक में रणनीति तय की जाएगी।