इनसे कौन बचाए चीन को
विभांशु दिव्याल
झल्लन का चेहरा तमतमा रहा था, गुस्से में वह भुजाएं फडक़ा रहा था। हमें देखते ही बोला, ‘बस ददाजू, बहुत हो गया अब हम इसे नहीं छोड़ेंगे, इसकी गर्दन मरोड़ेंगे और जहां-जहां से तोड़ सकेंगे तोड़ेंगे।’
हमने पूछा, ‘अबे झल्लन, काहे आपे से बाहर हुआ जा रहा है किस बात पर इतना ताव खा रहा है और किसे तोडऩे-फोडऩे जा रहा है?’ झल्लन बोला, ‘अरे वही हमारा पड़ोसी जो जब चाहे तब सर उठाए हमारे घर में घुस आता है, हमारे घर की सरहद पर बैठकर हमें खिजाता है, पर हम सोच लिए हैं हम इसे ऐसा सबक सिखाएंगे, ऐसी मार मचाएंगे कि इसके अंजर-पंजर ढीले हो जाएंगे और इसके सारे कस-बल निकल जाएंगे।’ हमने कहा, ‘झल्लन, दो-तीन बार तो हम भी तेरे घर पर आये हैं, तेरे अड़ोस-पड़ोस में भी नजर घुमाए हैं पर जो तेरे घर में घुसकर तुझे चिढ़ाए ऐसा तो किसी को नहीं पाये हैं।’
झल्लन बोला, ‘क्या ददाजू, आप बार-बार खिसक जाते हो एकदम सीधी बात भी नहीं समझ पाते हो। हम अपने मुल्क की बात कर रहे हैं, मुल्क की सरहद की बात कर रहे हैं जहां धृष्ट पड़ोसी जब-तब घुस आता है, सडक़छाप गुंडों की तरह मारपीट कर चला जाता है। अब देखिए, तवांग में भी इसके सैनिक मारपीट कर दिये और हमारे बहादुर जांबाज सैनिकों के हाथों पिटकर चल दिये। अब की बार मुंह दिखाएंगे तो हम उन्हें बीजिंग तक खदेड़ कर आएंगे।’ हमने कहा, ‘तू तो ऐसे कह रहा है जैसे चीन के सैनिक चीनी से बने हों जिन पर तू पानी के चार-छह छींटे लगा देगा और उन्हें गला देगा। चीन इस समय दुनिया की बहुत बड़ी ताकत है जिसके सैनिकों को कोई यूं ही पीटकर नहीं भगा सकता और अगर पीट भी देगा तो बिना नुकसान वापस नहीं आ सकता।’ झल्लन बोला, ‘देखिए ददाजू, पुरानी बातें पुरानी हो गयीं जब हमलावर आते थे, हमें पीटकर चले जाते थे लेकिन अब यह हमारे मोदी जी का इंडिया है जो भी हमें आंख दिखाएगा वो आंख निकलवा कर जाएगा और बहुत पछताएगा।’
हमने कहा, ‘झल्लन, तू चीजों को हवा में हांक रहा है उन्हें सही नहीं आंक रहा है। चीन की फौज बहुत बड़ी है जो किसी से भी टकरा सकती है, किसी का भी किला ढहा सकती है।’ झल्लन बोला, ‘तो हमारी फौज ने भी चूडिय़ां नहीं पहन रखी हैं। अगर चीन की फौज ज्यादा हाथ-पैर हिलाएगी तो हमारी फौज से तगड़ी मार खाएगी।’ हमने कहा, ‘झल्लन, तुझे पता है चीन की नौसेना दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है, हम उसके आगे ज्यादा नहीं टिक पाएंगे, हम उसका कितना भी नुकसान कर दें पर ज्यादा नुकसान हम ही उठाएंगे।’ झल्लन बोला, ‘देखिए ददाजू, चीन की नौसेना, थलसेना, वायुसेना चाहे जितनी ताकतवर हों पर वे हमसे टकराने की जुर्रत करेंगी तो उसकी भारी कीमत भरेंगी और मार खाके सिर्फ हाय हाय करेंगी।’ हमने कहा, ‘झल्लन, चीन बहुत बड़ी परमाणु शक्ति है उसके पास आधुनिकतम हथियारों का बहुत बड़ा भंडार है, कमजोर हम भी नहीं है पर हम तीन हैं तो वह चार है। अगर लड़ाई हुई तो हम आसानी से नहीं जीत पाएंगे और चाहे हम जितनी ताकत लगा लें ज्यादा नुकसान हम ही उठाएंगे।’
झल्लन बोला, ‘कैसी बात करते हो ददाजू, आपने देखा नहीं तवांग में हमने कैसा कमाल कर दिखाया है, चीन को उसकी औकात दिखाकर मार भगाया है।’ हमने कहा, ‘पर झल्लन, हमारे देश का विपक्ष तो कुछ और कह रहा है, वह सरकार की बात पर भरोसा नहीं कर रहा है, कह रहा है कि चीन हमारी मीलों मील जमीन पर कब्जा कर रहा है, हमें लगातार पीछे धकिया रहा है, हमारे नये-नये इलाके हथिया रहा है।’ झल्लन बोला, ‘ददाजू, आप बेगैरत विपक्ष की थोथी-झूठी, भारत विरोधी बातों पर ध्यान दोगे या हमारे महान देश के महान नेतृत्व की महान बातों का संज्ञान लोगे।’
हमने कहा, ‘झल्लन, हवा में उड़ान भरना अलग बात होती है और हकीकत से मुठभेड़ करना अलग बात होती है। जो सच्चाई पर परदा डालने की कोशिश करते हैं वे ही देश का बहुत बड़ा नुकसान करते हैं।’ झल्लन बोला, ‘ददाजू, आप चीन के पक्षकार हो या भारत के पक्षकार हो, हमें तो लगता है कि सारे विपक्षियों की तरह आप भी इस मुल्क के गद्दार हो। हम आपकी तरह नहीं हैं जो चीन से डर जाएंगे और सच्चाई के पीछे जाकर छिप जाएंगे। चीन चाहे जितना ताकतवर हो वह हमारी दहाड़ से मर जाएगा और जिस पहाड़ पर चढ़ा बैठा है वहीं से गिर जाएगा।’ हमने कहा, ‘तू ये आयं-बांय क्या कह रहा है, किस दहाड़ की बात कर रहा है, हमें तो कहीं सुनाई नहीं दे रही, हमारी चेतना तो किसी दहाड़ का संज्ञान नहीं ले रही।’
झल्लन बोला, ‘ददाजू, हमारा पूरा मीडिया दहाड़ रहा है, हमारा हर एंकर चिंघाड़ रहा है, चीन को चेतावनी के साथ-साथ चुनौती उछाल रहा है, अपने न्यूजरूम में बैठे-बैठे चीन की खबर ले रहा है। वह वाक्शक्ति के जो बम-गोली-मिसाइल दाग रहा है उसके आगे चीन के सारे तोप-गोले फुस्स हो जाएंगे और हमारा मीडिया ऐसी ही बहादुरी दिखाता रहा तो अगले चार दिन में हम बीजिंग पर तिरंगा लहराएंगे।’