उत्तराखंड

उत्तरकाशी हिमस्खलन हादसे में लापता दोनों प्रशिक्षु पर्वतारोहियों का 13 दिन बाद भी नहीं कुछ पता

देहरादून। उत्तरकाशी हिमस्खलन हादसे में लापता दोनों प्रशिक्षु पर्वतारोहियों का घटना के 13 दिन बाद भी कुछ पता नहीं चल पाया है। माइनस 25 डिग्री सेल्सियस तापमान में खोजबीन अभियान जारी रखना चुनौतीपूर्ण बनता जा रहा है। हालांकि निम के अफसरों का कहना है कि लापता दोनों प्रशिक्षु पर्वतारोहियों की तलाश के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। बीते चार अक्तूबर को द्रौपदी का डांडा-2 चोटी पर हिमस्खलन की चपेट में आकर निम के एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स के 29 लोग लापता हो गए थे। हादसे के बाद 27 लोगों के शव खोजकर उनके परिजनों को सौंपे जा गए।

वहीं सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल दीपक वशिष्ट और नौसेना में नाविक विनय पंवार लापता हैं। निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने लापता दोनों की तलाश के लिए निम और हाई एल्टीट्यूट वॉर फेयर स्कूल (हॉज) की सदस्यीय संयुक्त टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हुई है।

क्रेवाश (बर्फीली खाई) के साथ आसपास के संभावित क्षेत्र में हर दिन खोजबीन की जा रही है। बताया कि क्रेवाश में माइनस 25 डिग्री तापमान में लापता की खोजबीन चुनौतीपूर्ण रहता है। धूप जाने के बाद बहुत ज्यादा ठंड होने से वहां खड़ा होना भी संभव नहीं हो पाता। बावजूद इसके टीम इस चुनौती का सामना करते हुए रेस्क्यू जारी रखे हुए है। वहीं, हादसे में लापता विनय पंवार का बड़ा भाई दीपक पंवार छोटे भाई का पिछले दस दिनों से इंतजार कर रहा था। जो इंतजार करते करते घर लौट गया है।

अब उसके अन्य परिजन यहां विनय को लेने पहुंचे हुए हैं। दीपक ने बताया कि उसकी मां छोटे भाई को याद कर बार-बार बेहोश हो रही है। जिन्हें संभालने के लिए वह घर लौट गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *