उत्तराखंड

पौंधा में भूमाफिया ने आईएएस- आईपीएस समेत कई हाई प्रोफाइल को ठगा

300 बीघा जमीन में चल रहे दिशा फारेस्ट के दो विवादित प्रोजेक्ट, स्टाम्प डयूटी में भी गोलमाल, बिना अनुमति काट डाले 1500 पेड़

जमीन खरीदने वालों में उत्तराखंड के कई मौजूदा आईएएस, आईपीएस, पूर्व आईएएस, समेत हाई प्रोफाइल लोग शामिल

आईएएस और आईपीएस अफसरों की कालोनी को लेकर आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश नेगी ने किया बड़ा खुलासा, उच्चस्तरीय जांच की मांग

देहरादून। विकासनगर नगर पालिका परिषद से आठ किलोमीटर से भी अधिक दूरी पर स्थित पौंधा में भूमाफिया ने प्रदेश के कई वरिष्ठ आईएएस और आईपीएस के साथ ठगी करते हुए उन्हें अवैध प्लाट बेच दिये। यह जमीन हरिजन की है और इसके लिए कलक्टर से कोई अनुमति नहीं ली गयी। 300 बीघा जमीन में दिशा-एक और दिशा-दो के नाम से चल रहे इस प्रोजेक्ट में सरकार को भी स्टाम्प ड्यूटी की भारी चपत लगी है। गढ़वाल कमिश्नर ने जिलाधिकारी को इस मामले की जांच के आदेश दिये थे, लेकिन इसमें कई वरिष्ठ नौकरशाह शामिल हैं तो अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

decoding="async" class="alignnone wp-image-6244 size-full td-animation-stack-type0-2" src="https://indiatimesgroup.com/wp-content/uploads/2023/10/WhatsApp-Image-2023-10-29-at-13.51.16.jpeg" sizes="(max-width: 960px) 100vw, 960px" srcset="https://indiatimesgroup.com/wp-content/uploads/2023/10/WhatsApp-Image-2023-10-29-at-13.51.16.jpeg 960w, https://indiatimesgroup.com/wp-content/uploads/2023/10/WhatsApp-Image-2023-10-29-at-13.51.16-225x300.jpeg 225w, https://indiatimesgroup.com/wp-content/uploads/2023/10/WhatsApp-Image-2023-10-29-at-13.51.16-768x1024.jpeg 768w, https://indiatimesgroup.com/wp-content/uploads/2023/10/WhatsApp-Image-2023-10-29-at-13.51.16-696x928.jpeg 696w, https://indiatimesgroup.com/wp-content/uploads/2023/10/WhatsApp-Image-2023-10-29-at-13.51.16-315x420.jpeg 315w, https://indiatimesgroup.com/wp-content/uploads/2023/10/WhatsApp-Image-2023-10-29-at-13.51.16-18x24.jpeg 18w, https://indiatimesgroup.com/wp-content/uploads/2023/10/WhatsApp-Image-2023-10-29-at-13.51.16-27x36.jpeg 27w, https://indiatimesgroup.com/wp-content/uploads/2023/10/WhatsApp-Image-2023-10-29-at-13.51.16-36x48.jpeg 36w" alt="" width="960" height="1280" />

आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश नेगी ने इस मामले का खुलासा किया है। उन्होंने आरटीआई के जरिए इस भूमि संबंधी दस्तावेज मांगे। मिली जानकारी के अनुसार पौंधा में दिशा फारेस्ट के नाम से इंद्र सिंह बिष्ट, एस.सी माथुर समेत एक गिरोह ने संगठित तरीके से 150-150 बीघा भूमि में दो प्रोजेक्ट शुरू किये हैं। इन्हें दिशा-वन और दिशा-टू नाम दिया गया है। इस भूमि पर प्रदेश के आईएएस और आईपीएस अफसरों की कालोनी बनाई जा रही है।

एडवोकेट विकेश नेगी के अनुसार यह कृषि भूमि है। यह पहले हरिजन के नाम थी और बाद में इसे सरकार के अधीन रही। अब इसमें निजी कालोनाइजर शामिल हो गया। उनके मुताबिक इस जमीन पर लगभग डेढ़ हजार पेड़ थे। इन पेड़ों को बिना अनुमति काट डाला गया। आरटीआई से मिले दस्तावेजों के मुताबिक यहां प्लाट खरीदने वालों में उत्तराखंड के कई मौजूदा आईएएस, आईपीएस, पूर्व आईएएस, समेत कई अन्य नौकरशाह और हाई प्रोफाइल लोग शामिल हैं। जिनके साथ जमीन खरीद के नाम पर यह ठगी हुई है। एडवोकेट विकेश नेगी के अनुसार यह जमीन सरकार में निहित होनी थी लेकिन दबाव के तहत अब तक कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है।

इस भूमि की जांच बैंक ने भी की। बैंक की ओर से जांच रिपोर्ट में कहा गया कि पांच सेल डीड की जांच में पाया गया कि इसमें उत्तर प्रदेश भूमि जमींदारी विनाश अधिनियम की धारा 157 ए का भी उल्लंघन किया गया है। इस जमीन को खरीदने-बेचने के लिए कलक्टर की अनुमति चाहिए जो कि नहीं ली गयी। एडवोकेट विकेश नेगी के मुताबिक इस कालोनी में सर्किल रेट को भी दरकिनार किया गया है। यहां का सर्किट रेट 6800 रुपये प्रति वर्ग मीटर है जबकि यहां केवल 5000 रुपये की दर से स्टाम्प वसूला गया है।

इस भूमि को लेकर विकासनगर में सिविल कोर्ट में मामला चला। इसमें बिल्डर एससी माथुर ने अपील की थी कि भूमि को उचित माध्यम से खरीदा गया है लेकिन अदालत ने उसकी अपील को खारिज कर दिया। आरटीआई के दस्तावेजों के मुताबिक इस मामले में भूमि धोखाधड़ी समन्वय समिति पौड़ी गढ़वाल के अपर आयुक्त प्रशासन ने देहरादून के जिलाधिकारी को 2021 से 23 जुलाई 2022 लगातार पत्र भेजे कि इस मामले की जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिये थे, लेकिन अब तक इस मामले की जांच नहीं हुई है।

एडवोकेट विकेश नेगी के अनुसार इस मामले में नौकरशाहों से भी ठगी हुई है। साथ ही जमीन खुर्द-बुर्द के साथ ही अवैध तरीके से डेढ़ हजार पेड़ काट दिये गये। उन्होंने कहा कि स्टाम्प डयूटी में भी गड़बड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *