उत्तराखंड

सीएम धामी ने दी इगास पर्व/बूढ़ी दीपावली की बधाई, कहा हमारी लोक संस्कृति एवं परम्परा देवभूमि की पहचान

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को इगास पर्व/बूढ़ी दीपावली की बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे लोक पर्व एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत सामाजिक जीवन में जीवंतता प्रदान करने का कार्य करते हैं, उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य की लोक संस्कृति एवं लोक परम्परा उस राज्य की आत्मा होती है।

decoding="async" class="alignnone wp-image-8085 size-full" src="https://indiatimesgroup.com/wp-content/uploads/2023/11/WhatsApp-Image-2023-11-22-at-20.04.55.jpeg" sizes="(max-width: 414px) 100vw, 414px" srcset="https://indiatimesgroup.com/wp-content/uploads/2023/11/WhatsApp-Image-2023-11-22-at-20.04.55.jpeg 414w, https://indiatimesgroup.com/wp-content/uploads/2023/11/WhatsApp-Image-2023-11-22-at-20.04.55-300x202.jpeg 300w, https://indiatimesgroup.com/wp-content/uploads/2023/11/WhatsApp-Image-2023-11-22-at-20.04.55-24x16.jpeg 24w, https://indiatimesgroup.com/wp-content/uploads/2023/11/WhatsApp-Image-2023-11-22-at-20.04.55-36x24.jpeg 36w, https://indiatimesgroup.com/wp-content/uploads/2023/11/WhatsApp-Image-2023-11-22-at-20.04.55-48x32.jpeg 48w" alt="" width="414" height="279" />

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी लोक संस्कृति एवं परम्परा देवभूमि की पहचान है। उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य की लोक संस्कृति एवं लोक परम्परा उस राज्य की आत्मा होती है, इसमें इगास का पर्व भी शामिल है। उन्होंने कहा कि हम राज्य की लोक संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिये संकल्पबद्ध हैं। अपनी लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये हम प्रयासरत हैं। हमारी युवा पीढ़ी अपनी लोक संस्कृति एवं लोक पर्वों से जुड़े इसके भी प्रयास होने चाहिए। उन्होंने कहा कि इगास बग्वाल से कई एतिहासिक पहलु भी जुड़े हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे लोग इगास पर्व पर अपनी परम्पराओं के साथ अपने पैतृक गांवों से भी जुड सके इसके लिये राज्य में इगास पर्व पर सार्वजनिक अवकाश की परम्परा शुरू की गई है। इससे राज्य की समृद्ध संास्कृतिक विरासत एवं परम्पराओं से हमारी भावी पीढी भी जुड सकेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने लोक पर्वों के माध्यम से अपनी संस्कृति को संरक्षित करने तथा प्रकृति के संरक्षण की भी हमारी परम्परा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में विभिन्न संस्कृति और रीति -रिवाजों को मानने वाले लोग निवास करते हैं, एक तरह से उत्तराखण्ड लघु भारत का रूप है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों की सुख-शांति एवं समृद्धि की भी कामना की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *